हाईकोर्ट में 9 जजों को नियुक्त करने की फाइल 8 महीने बाद फिर सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम को भेजी गई


जयपुर (संजीव शर्मा). जजों की कमी और लाखों मुकदमों के अंबार से जूझ रहे राजस्थान हाईकोर्ट को नए जजों की नियुक्ति होने की उम्मीद फिर से बंधी है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश में न्यायिक अधिकारी कोटे से हाईकोर्ट जज बनने की फाइल फिर चर्चा में है।


अभी हाईकोर्ट में स्वीकृत 50 पदों पर सीजे सहित 21 जज ही कार्यरत हैं। सूत्रों के अनुसार पूर्व मेंं न्यायिक अधिकारी कोटे के वापस भेजे गए नौ नामों को पुन: सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम को भेज दिया गया है। लेकिन हाईकोर्ट में नए जजों की नियुक्ति का रास्ता सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की अनुशंसा के बाद ही साफ होगा। 


29 जजों के पद खाली, नतीजा


4,53,436 मुकदमे लंबित थे 2019 के नवंबर महीने के अंत तक हाईकोर्ट में। 
2,74,098 मुकदमे जयपुर पीठ में और 1,79,338 केस जोधपुर मुख्यपीठ में पड़े


हाईकोर्ट कोलेजियम ने मई 2018 में भेजे थे 11 नाम, जिनमें से नौ वापस भेजे...


हाईकोर्ट कोलेजियम ने मई 2018 में 11 अफसरों के नाम सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट जज बनने के लिए भेजे थे। इनमें से सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर न्यायिक अधिकारी जस्टिस अभय चतुर्वेदी सहित जस्टिस एनएस ढड्‌ढा को हाईकोर्ट जज के लिए योग्य मानते हुए उनकी नियुक्ति की है। इसके अलावा न्यायिक अफसर चन्द्र कुमार सोनगरा के प्रस्ताव को स्थगित करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के सीजे से जानकारी देने को कहा था।


रजिस्ट्रार जनरल सतीश कुमार शर्मा सहित न्यायिक अधिकारी देवेन्द्र कच्छावा, प्रभा शर्मा, मनोज कुमार व्यास, रामेश्वर व्यास, देवेन्द्र जोशी, चन्द्र कुमार सोनगरा, अनूप सक्सेना व हेमंत कुमार जैन के नामों को प्रस्ताव को स्थगित करते हुए उनके बारे में न्याय विभाग से विस्तृत जानकारी देने के लिए कहा था।


वकील कोटे से नौ नाम भेजे थे, दो नामों की अनुशंसा हुई और नियुक्ति हुई थी सिर्फ एक की
हाईकोर्ट ने एडवोकेट कोटे से जयपुर व जोधपुर से 9 नाम जज के लिए भेजे थे। इनमें महेन्द्र गोयल, अनुराग शर्मा, फरजंद अली, मनीष सिसोदिया, अश्विन गर्ग, राजीव पुरोहित, सचिन आचार्य, संजय झंवर व अनिता अग्रवाल थे। महेन्द्र गोयल व फरजंद अली की नियुक्ति की सिफारिश हुई। अभी महेन्द्र गोयल ही जज नियुक्त हुए।


इस साल 3 जज होंगे रिटायर, हाईकोर्ट में 50 में से सिर्फ 18 रह जाएंगे


2020 में यनए जजों की नियुक्ति नहीं हुई तो सीजे सहित महज 18 जज रह जाएंगे। क्योंकि हाईकोर्ट के जज जस्टिस महेन्द्र कुमार माहेश्वरी मार्च में, जस्टिस जीआर मूलचंदानी अप्रैल और जस्टिस अभय चतुर्वेदी सितंबर में रिटायर हो जाएंगे। ऐसे में हाईकोर्ट में जजों के 32 पद खाली हो जाएंगे। फिलहाल हाईकोर्ट में सीजे सहित 21 जज कार्यरत हैं।