बदलेगा कानून गैर जमानती धाराओं में तुरंत होंगे गिरफ्तार


जयपुर (सुरेन्द्र स्वामी). प्रदेश में दूध, तेल, घी, मावा और पनीर जैसे खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों की अब खैर नहीं है। महाराष्ट्र की तर्ज पर यहां भी राज्य सरकार आईपीसी की धारा-272 व 273 में बदलाव करने जा रही है। इसके तहत मिलावटखोरों को गैर जमानती धाराओं में तुंरत गिरफ्तार किया जा सकेगा। मौजूदा प्रावधान में मिलावटियों को जमानत पर छोड़ने की व्यवस्था है।


 
मिलावटखोरों को सजा दिलवाने के कानून में संशोधन को विधानसभा के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। जो महाराष्ट्र में लागू कानून का अध्ययन कर रिपोर्ट पेश करेगी।


कमेटी में निदेशक (जन स्वास्थ्य), अतिरिक्त निदेशक (ग्रामीण स्वास्थ्य), उप विधि परामर्श, पंकज कुमार मिड्डा (मुख्य खाद्य विश्लेषक), विनोद कुमार शर्मा (एफएसओ, सैन्ट्रल टीम) और दीपक सिंधी (एफएसओ) शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट भी महाराष्ट्र की तर्ज पर देश के सभी राज्यों में मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान लागू करने का पहले ही निर्देश दे चुका है। 


याद है ये कमिटमेंट


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले साल मार्च माह में आरयूएचएस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज से जुड़े 500 बेड के अस्पताल के शुभारंभ पर मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कानून बनाकर लागू करने की घोषणा की थी। गहलोत ने जयपुर, जोधपुर जैसे कई समारोह में कहा-जब तक मिलावटखोर को सख्त सजा नहीं मिलेगी, तब तक खाद्य पदार्थों में मिलावट नहीं रुक सकती। महाराष्ट्र में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को उम्रकैद का प्रावधान है और गैर जमानती धाराओं में तुरंत गिरफ्तार किया जाता है। 


इसलिए जरूरी है सख्ती- 5,760 में 208 अनसेफ


फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया नई दिल्ली की ओर से जारी रिपोर्ट में वर्ष 208-19 में 5 हजार 760 नमूनों में से 208 अनसेफ मिलेे हैं, जबकि एक भी अनसेफ नहीं होना चाहिए। यही नहीं इनमें से 1,272 मानक स्तर पर नहीं पाए गए। 


चिकित्सा मंत्री बोले- संशोधन की पूरी तैयारी


मुख्यमंत्री के निर्देश पर मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कानून का प्रावधान प्रस्तावित है। कमेटी हर पहलुओं का अध्ययन कर रही है। सख्त सजा के लिए कानून में संशोधन के लिए तैयारी कर ली है। 
डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा मंत्री


अभी 5 लाख जुर्माना व उम्रकैद तक सजा है


फूड सेफ्टी एक्ट में स्ट्रेन्थिंग के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। अभी मिसब्रांड आने पर 3 लाख तक, सबस्टैंडर्ड के लिए 5 लाख तक जुर्माना है। अनसेफ पर 6 माह से लेकर आजीवन कारावास का प्रावधान है।
 डॉ.केके शर्मा, फूड सेफ्टी कमिश्नर